किसी भी भवन में रसोईघर का स्थान महत्वपूर्ण होता है, वास्तुसम्मत रसोईघर कैसा हो, ज्योतिषीय विश्लेषण से जानें।
प्राचीनकाल में रसोईघर प्राय: घर के बाहर सुविधानुसार और वास्तु सम्मत स्थान पर होता थी। तब रसोईघर में इतने सुविधाजनक संसाधन भी नहीं होते थे, जो आधुनिक युग में रसोईघर में प्रयोग होते हैं। डाइनिंग हाल यानी भोजन कक्ष भी तब रसोईघर से जुडा हुआ नहीं होता था। ऎसा होने का प्रमुख कारण यह भी था कि भूखंड का आकार प्राचीनकाल में बहुत ही बडा होता था। लेकिन आधुनिक परिवेश में भूखंडों का आकार सीमित होने, फ्लैट सिस्टम और आधुनिक संसाधनों का प्रयोग बढने से रसोईघर के आकार में वृद्धि हो गई है। वास्तुशास्त्र के अनुसार रसोईघर और इसमें काम आने वाली वस्तुएं किस स्थान पर होना शुभ फलदायी हैं, इस जानें।
रसोईघर का महत्व : रसोईघर सम्पन्नता का प्रतीक है। इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें खाना पकाया जाता है। खाने से शक्ति और स्फूर्ति मिलती है। भोजन स्वास्थ्य की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। कहावत भी है- “जैसा अन्न वैसा मन” इसीलिए रसोईघर भवन का एक महत्वपूर्ण अंग है।
किस दिशा में हो रसोईघर : रसोईघर भवन या फ्लैट के दक्षिण-पूर्व कोने में बनाएं। उतर-पूर्व में रसोईघर मानसिक परेशानियां बढाता है। इसके दक्षिण-पश्चिम में होने से जीवन कठिन हो सकता है। रसोईघर शयनकक्ष, पूजाघर या शौचालय के पास नहीं हो, इसका ध्यान रखें।
द्वार : रसोई का दरवाजा यदि उतर या उतर-पश्चिम में हो तो उतम रहता है। दरवाजा चूल्हे के सामने नहीं हो। इससे ची (ऊर्जा) स्वतंत्र रूप से अंदर प्रवेश नहीं कर पाती है। चूल्हा रखने का स्लैब पूर्व दिशा की ओर हो, ताकि खाना पकाने वाले का मुंह पूर्व दिशा की ओर रहे।
गैस चूल्हा : चूल्हा ऎसी जगह रखें जिससे बाहर से आने-जाने वाले पर नजर रखी जा सके। चूल्हा पूर्व की दीवार के पास रखें, ताकि हवा व रोशनी पर्याप्त मात्रा में मिल सके।
माइक्रोवेव ओवन : माइक्रोवेव ओवन में लगातार बिजली का प्रवाह होता रहता है। इसलिए इसे दक्षिण पूर्व में रखें। इसको दक्षिण-पश्चिम में भी रख सकते हैं। यह क्षेत्र शक्ति और संबंधों का भी प्रतीक है। संबंधों में सुधार की दृष्टि से यह हितकर है।
फ्रिज: फ्रिज पश्चिमी क्षेत्र में रखें। यहां पर यह सम्पन्नता व संबंध मजबूत बनाने में सहायक रहता है। शांति व व्यावहारिकता में भी वृद्धि होगी।
सिंक : रसोईघर में पानी तथा चूल्हा आवश्यक तत्व हैं। जहां आग का स्थान दक्षिण-पूर्व है, वहीं पानी का स्थान उतर-पूर्व है। पानी का उतम स्थान उतर दिशा ही है, जो जल तत्व को दर्शाती है। आग व पानी को अलग-अलग रखना आवश्यक है। इसे एक लाइन में नहीं रखें। यदि ऎसा संभव न हो, तो बीच में दो फीट की दीवार लगा दें।
एग्जॉस्ट फेन : रसोईघर की प्रदूषित वायु और धुएं को बाहर निकालने के लिए एग्जॉस्ट पंखा लगाते हैं। इसे पूर्व, उतर या पश्चिम दिशा में लगवाएं।
अन्य सामान : डाइनिंग टेबल उतर-पश्चिम या पश्चिम दिशा में रखें। रसोईघर में भारी सामान भी इसी दिशा में रखा जा सकता है। उतर या पूर्व दिशा को हल्का व साफ-सुथरा रखें।
Achhee Jaankaree. dhanyavad.
Kripaya, apartment ko dhyan me rakhte hue kuchh aur bate batayen,
1) Living room kee sanranchna kaisee ho
2) bedroom me wardrobe kidhar banwayen.
3) study plus bedroom kaise banwayen.
4) alag alag kamron ka rang kaisa ho?
agrim abhaar.